गतिहीन हैं अवचेतना,विनोक्ति भी अनुलोम हैं
फैसल -तलब आशुफ्त हैं,तक्बीर हम कैसे पढ़े ...............रवि विद्रोही
विनोक्ति=बिना चंद्रमा की रात
फैसल-तलब जिसका निर्णय होना बाकी हो
आशुक्त=व्याकुल /अस्त-व्यस्त
तक्बीर=नमाज में झुकते , बैठते खड़े होते वक्त पढ़े जाना वाला इश्वर का नाम
फैसल -तलब आशुफ्त हैं,तक्बीर हम कैसे पढ़े ...............रवि विद्रोही
विनोक्ति=बिना चंद्रमा की रात
फैसल-तलब जिसका निर्णय होना बाकी हो
आशुक्त=व्याकुल /अस्त-व्यस्त
तक्बीर=नमाज में झुकते , बैठते खड़े होते वक्त पढ़े जाना वाला इश्वर का नाम
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