अनुप्रयोज्य
Friday 9 March 2012
तहकीर सुनो
आँखों की तुम तक्सीर सुनो
आंसू में तुम तबशीर सुनो
आँखों ने पाया था कल जो
उस कल की तुम तहकीर सुनो ...........रवि विद्रोही ....
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