Tuesday 13 March 2012

हकदार

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जब आसमान अंगड़ाई लेता हैं
और बादलो का झाग उगलता हैं
पृथ्वी आँखे फाड़कर
आसमान को देखती हैं
और कहती हैं
मैंने तेरा बुरा कब चाहा
हे निर्मोही आसमान

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