उमंग
उमंग परिभाषित हैं
और मन अनंत
पत्थर तू जोर से हिल
जीवन अभी भी
टस से मस नहीं हैं
उमंग का आना
कौन परिभाषित करेंगा
ऊपर से नीचे आना उमंग हैं
या नीचे से ऊपर जाना
पर उमंग होती हैं लुभावावानी
आओ उसे पकडे ..
कस कर ................रवि विद्रोही
उमंग परिभाषित हैं
और मन अनंत
पत्थर तू जोर से हिल
जीवन अभी भी
टस से मस नहीं हैं
उमंग का आना
कौन परिभाषित करेंगा
ऊपर से नीचे आना उमंग हैं
या नीचे से ऊपर जाना
पर उमंग होती हैं लुभावावानी
आओ उसे पकडे ..
कस कर ................रवि विद्रोही
No comments:
Post a Comment