Sunday 15 July 2012

 उमंग

उमंग परिभाषित हैं
और मन अनंत
पत्थर तू जोर से हिल
जीवन अभी भी
टस से मस नहीं हैं
उमंग का आना
कौन परिभाषित करेंगा
ऊपर से नीचे आना उमंग हैं
या नीचे से ऊपर जाना
पर उमंग होती हैं लुभावावानी
आओ उसे पकडे ..
कस कर ................रवि विद्रोही

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