Saturday 24 December 2011

मार्यादित पथ

चिरस्थायित्व विचारों का आईना
उल्लसित   करता हैं
आदमी के जीवन को ,
अविलम्बता सूरज के पीछे छिपे
अंधेरो में कैद रहती हैं 
ये  आप कैसे साबित करोगे
जीवन का कर्षनीय पथ
उजालो की और दौड़ता हैं
जबकि आसमान के नीचे
उजाला भी हैं
और अन्धेरा भी ,
जब हमारी भूख प्रश्न करती हैं
अस्पृह का गतिकांक
नीचे गिरने लगता हैं
मर्यादाएँ अविलम्बित होती हैं
जाने वाला कल
आने वाले कल को
खुदाहाफिज़ कहता हैं
इन्ही अधमुंदे पालो में
सूरज चुपचाप हिलता हैं
रोशनी से अँधेरे की बात करता हैं
और हम एक दुसरे से
कानाफूंसी करते हुए
आज को जन्म देते हैं ...........................रवि विद्रोही

1 comment:

  1. चिरस्थाई विचारों का आईना
    उल्लसित करता हैं
    आदमी के जीवन को,
    अविलम्बता सूरज के पीछे छिपे
    अँधेरों में क़ैद रहती है
    ये आप कैसे साबित करोगे?

    जीवन का कर्षनीय पथ
    उजालों की ओर दौड़ता हैं
    जबकि आसमान के नीचे
    उजाला भी है
    और अन्धेरा भी ,
    जब हमारी भूख प्रश्न करती है
    अस्पृह का गतिकांक
    नीचे गिरने लगता है
    मर्यादाएँ अविलम्बित होती हैं

    जाने वाला कल
    आने वाले कल को
    ख़ुदा हाफ़िज़ कहता है
    इन्हीं अधमुंदे पालों में
    सूरज चुपचाप हिलता है
    रोशनी से अँधेरे की बात करता है
    और हम एक दूसरे से
    कानाफूंसी करते हुए
    आज को जन्म देते हैं ...........................रवि विद्रोही

    पोस्ट करने से पहले एक बार अवश्य पढ़ा करें मित्र।

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