अनुप्रयोज्य
Saturday 3 December 2011
दिन का सवेरा
आशाओं के सीने में
फिर जगता हैं नया दिन
और मरता हैं अन्धेरा
उठो ऐ प्राच्या
जागो ऐ विराटक
दिन का सवेरा
बहुत कुछ लाता हैं.
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