Tuesday 23 October 2012

गर्व से कहो मैं हिन्दू हूँ,
मैं अपने ही  भाइयो को
नीच और अछूत समझता   हूँ
जाति के नाम पर उनके साथ
घनघौर भेदभाव करता हूँ,
उन्हें हर बात पर प्रताड़ित  करता हूँ
उन्हें जानवरों से भी गया गुजरा
समझता हूँ ,
उनके द्वारा उगाई फसल
और उनके बेर तो खाता हूँ
मगर  उनसे बैर भी रखता हूँ
उनके हर हिस्से को निगल जाता हूँ,
यहाँ तक की अगर वे सर उठाये तो
सरेआम ज़िंदा जलाकर
तमाशा बना सकता हूँ,
उनकी स्त्रीयों की नाक
काट सकता हूँ ,
आओ, हम अपने पूर्वजों की
 विरासत को संभाले,
मुझे इस संस्कृति और सभ्यता को
आगे ले जाना हैं
मुझे गर्व हैं मैं हिन्दू हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रवि विद्रोही

3 comments:

  1. जितना लिखा गया है उतना भेदभाव आज तक हमने तो नहीं देखा !
    और थोड़ा बहुत भेदभाव है वैसा सिर्फ हिन्दू धर्म में ही नहीं सब धर्मों में है कोई धर्म इससे अछूत नहीं| हाँ दुसरे धर्म के अनुयाई बेशक इस बात को सार्वजनिक ना कबूले!

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  2. इस ब्‍लॉग का स्‍वागत.

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